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भारत में वायु-प्रदूषण का उच्च स्तर समय के साथ भौगोलिक रूप से फैला है

 शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (EPIC) की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली सहित मध्य, पूर्वी और उत्तरी भारत के विशाल इलाकों में रहने वाले 48 करोड़ से अधिक लोग प्रदूषण के उच्च स्तर को झेल रहे हैं. ईपीआईसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'भारत में वायु-प्रदूषण का उच्च स्तर समय के साथ भौगोलिक रूप से फैला है.' उदाहरण के लिए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है.

हालांकि, खतरनाक होते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए 2019 में शुरू किए गए भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) की सराहना करते हुए EPIC रिपोर्ट में कहा गया है कि NCAP के लक्ष्यों को “प्राप्त करने और बनाए रखने” से देश की समग्र जीवन प्रत्याशा 1.7 वर्ष और नई दिल्ली में 3.1 वर्ष बढ़ेगी.

बढ़ते प्रदूषण के स्तर को जानने के लिए IQAir ने साल 2020 की विश्व वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें राजधानी दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर में शामिल है. हालांकि, पिछले साल 2020 में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगने की वजह से कई शहरों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली थी, जिसमें दिल्ली के लोगों को भी बड़ा फायदा मिला था.

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